Friday, May 17th, 2024

48 घंटे में गठित होने वाले मंत्रीमंडल में शिवराज की नहीं, दिल्ली की चलेगी


भोपाल।
अकेले शिव के राज पर कोरोना से सामना कर रही भाजपा सरकार के मंत्रीमंडल के क्लाइमेक्स से 48 घंटों में परदा उठ जाएगा। ये विस्तार दो दिन में नहीं हो सका, तो सभी को लाकडाउन खुलने तक का इंतजार करना होगा। हालांकि मंत्रीमंडल में  अपनी दावेदारी का दम भरने वाले भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों में से किसे मंत्री बनाया जाए और किसे छोड़ा जाए, कौतुहल का विषय बना हुआ था। लेकिन एक दिन पहले दिल्ली में अमित शाह से ज्योतिरादित्य की मुलाकात ने सारी तस्वीर साफ कर दी है। मंत्रीमंडल के गठन में अब प्रदेश के नेतृत्व की जगह दिल्ली की चलेगी।  
सियासी गलियारों में चर्चा है कि सिंधिया खेमे के समर्थकों को मंत्री बनाया जाएगा। सिंधिया अपने दस समर्थकों को मंत्री बनवाना चाहते हैं। शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट में महज दस नेताओं को मंत्री बनाए जाने की चल रही अटकलों के बीच गुरुवार को सिंधिया ने देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। सिंधिया और शाह की मुलाकात के बाद फिलहाल यह पेंच फंस गया है कि शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का स्वरूप अब छोटा होगा या दो दर्जन मंत्री बनाएं जाएंगे। लेकिन सिंधिया की चाल से शिवराज का मंत्रीमंडल छोटा होने की बजाए बड़ा ही स्वरूप लेगा। क्योंकि भाजपा में भी दस पूर्व कद्दावर मंत्री हैं जो किसी स्थिति में मंत्री से वंचित नहीं रहेंगे। इसलिए वे पहले से ही दिल्ली के बड़े नेताओं को साधने में लगे हुए थे।  
फूल छाप कांग्रेसी मंत्री रहेंगे यथावत
सूत्रों की मानी जाए तो सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट को फिर से स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा दिया जाएगा। गोविंद राजपूत को राजस्व दिया जाएगा। इमरती देवी को महिला एवं बाल विकास विभाग, प्रभुराम चौधरी को स्कूल शिक्षा, महेंद्र सिंह सिसौदिया को श्रम विभाग और प्रद्युम्न सिंह तोमर को खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग दिया जाएगा। हालांकि गोविंद राजपूत को फिर से परिवहन विभाग मिलेगा या नहीं इस पर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है। वहीं बिसाहूलाल सिंह को आदिम जाति कल्याण विभाग दिया जा सकता है।
शिवराज मंत्रिमंडल गठन को लेकर पूर्व मंत्री और कुछ वरिष्ठ विधायक नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी मुख्यमंत्री से लेकर पार्टी संगठन तक को बता दी है। उनका कहना है कि उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें गठन के वक्त ही मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए।  इसी के चलते मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन दोनों भविष्य की स्थिति को देखते हुए मंथन में जुट गए हैं। जानकारी के मुताबिक सिंधिया समर्थक कुछ  पूर्व मंत्री भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष डॉ जेपी नड्डा से सीधे सम्पर्क में हैं। मंत्रिमंडल में कम सदस्यों की संख्या की तेज हुई अटकलों के बाद इन सभी ने बारी बारी से सम्पर्क किया। इसके बाद सभी को आश्वासन मिल गया।
खास किरदार निभाने वालों की भी होगी ताजपोशी
कमलनाथ सरकार गिराने में भाजपा के जिन वरिष्ठ विधायकों ने अहम किरदार निभाया है उन्हें मंत्रिमंडल में क्या स्थिति बनेगी, इस पर सवाल अभी बना हुआ है। आॅपरेशन लोटस वन और टू में खास किरदारों में नरोत्तम मिश्रा को तो मंत्री बनाया जा रहा है। साथ ही भूपेंद्र सिंह को भी मौका मिल रहा है, लेकिन संजय पाठक, अरविंद भदौरिया के भविष्य को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। सरकार की उठापटख में संजय पाठक और अरविंद भदौरिया के परिवार को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।

 

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